दिल तड़प उठा फिर से, माँ की सुनके खबर,
फिर से टूट पढ़ा है प्याला – ए – सबर I
उन्हीं के आँचल में एहसास था जन्नत का,
फ़िज़ायों की ताज़गी, उन्ही का था असर I
रोतो को मुस्कराना उन्ही ने था सिखाया,
चलने का हौंसला दिया, उनकी ही थी डगर I
उनकी पकी चीज़ का स्वाद ही अलग था,
हर लम्हा उनके साथ प्यार की थी नज़र I
राज दत्ता और हमारी माँ नहीं है अलग,
उन्हीं के आँचल में था हमारा भी स्वर्ग I
ख़ाक को ख़ाक से मिल जाना है, कहते हैं,
पर फिर भी रह जाती है यादों की अगर I
राज, हम सब उदास हैं माँ के बिछड़ने से,
हमारी खुशियां और ग़म बंधे हैं ज़िन्दगी भर I
प्रभु, इस घड़ी में राज का हाथ थामे रहना,
हाथ थामने वाला उठ के चल दिया आपके शहर I
Dil tadap utha phir se, maa ki sunake khabar,
Phir se toot padha hai pyaala -e – sabar.
Unhin ke aanchal mein ehsaas tha jannat ka,
Fizaayon ki taazagi, unhi ka tha asar.
Roton ko muskraana unhin ne tha sikhaya,
Chalne ka haunsla diya, unhi ki thi dagar.
Unaki paki cheez ka swaad hi alag tha,
Har lamha unake saath, pyaar ki thi nazar.
Raj Dutta aur hamaari maa nahin hai alag,
Unhin ke aanchal mein tha hmaara bhi swarg.
Khaak ko khaak se mil jaana hai, kehte hain,
Par phir bhi reh jaati hai yaadon ki agar.
Raj, ham sab udaas hain maa ke bichhadne se,
Hamaari khushiyan aur gham bandhe hain zindagi bhar.
Prabhu, is ghadi mein Raj ka haath thaame rehna,
Haath thamne wala uthh ke chal diya aapke shehar.
माँ तो हर किसी की माँ होती है, माँ कब प्यार में फर्क करती है माँ तो आखिर माँ होती है
सही कहा विनोद जी। शुक्रिया।
मां शब्द अपने आप में एक कायनात है। किसी की भी कायनात उस से बिछड़ने का दुःख असहनीय होता है। ईश्वर राज दत्ता को इस पीड़ा को सहने का साहस प्रदान करें।। 😭😭😭
सहमत हूँ आपसे सुरेखा। ईश्वर बहुत दयालु है; दुख सहने की शक्ति खुद ही देता है।