Chandrayaan-3’s Vikram Lander had a successful soft landing on the moon at 6:04 PM (IST) on Wednesday, 23 Aug 23. My poem is to mark this event, the best in the lives of any Indian:
आज चाँद की ज़मीन पर उतरा है चन्द्रयान,
फक्र और खुशी में डूबा है हिन्दोस्तान l
चंदा मामा दूर के अब यूँ पास हो गए,
जैसे किसी के घर आया कोई नजदीकी मेहमान l
इस से पहले हम चाँद पर तब पहुंचे थे,
जब सनम ने दे दिए थे हाथों में दिल ओ जान l
पर चांद की धरती हिन्दुस्तानी छू सकें,
यह दिल में ही था बरसों से अरमान l
भारत के लोग सदियों से भा में रहे हैं रत,
वैज्ञानिक, लेखक, कवि और विद्वान l
आज हमारी दृढ़ता और संकल्प ने,
पास कर लिया एक और इम्तिहान l
ऐसी आज़ाद सोच वाले मुल्क को,
बंदूक ओ बारूद ने करवाया गुलामी का गुमान l
बेरहमी करने वाले कई परदेसी यहां आए,
काफिर, ज़ालिम, बेईमान और शैतान l
अब इन्हें भी खबर तो मिल गई होगी,
भारत ही था और रहेगा सबसे महान l
यहां चाँद से बढ़ कर अच्छा समझते हैं,
आदमी का बन जाना एक नेक इन्सान l
पूनम की रात को चमकता चांद यह कहे:
सबसे ज़्यादा रौशन तो है हिन्दुस्तान l
मुझे तकते जो कभी थकते ना थे,
उनके नूर पे हूं आज मैं क़ुर्बान l
चाँद की धरती पर अब ऐसा मंदिर बनेगा,
जिसमें जाएंगे सब धर्म के इन्सान l
यही खासियत रही है सदियों से हमारी,
मजहब हमें नहीं बनाता कभी हैवान l
तिरंगा चाँद पर यूँ लहराता है जैसे,
सारे ब्रह्मांड को कर रहा हो ऐलान l
उन्हें पता है हमारी महानता और विरासत का,
जिसने पढ़े हों हमारे वेद और पुराण l
चाँद, अब हम आते जाते रहेंगे तुम्हें मिलने,
इसलिए खोल के रखना भारतीय चाय की दुकान,
इतने दूर के सफ़र में गर हमें भूख लगे,
ना भूलना देना समोसा, जलेबी जैसे देसी पकवान l
आओ फ़िर से सर ऊंचा कर के चलें,
हिन्दुस्तान ही है सारी दुनिया की शान l
सिर्फ़ चाँद ही क्यूँ हो हमारे कदमों तले,
जब हमारे इन्तेज़ार में है सारा जहान?