One who treats all negatives and positives alike….
Good morning friends,
Have you ever been lonely and sad?
Do you remember how it made you feel?
Most often it would have made you glad,
That in this condition you learnt a great deal.
Happiness is a result,
Sadness is a learning;
In both you can exult,
If you’re discerning.
Nobody ever lives life with a constant emotion,
We should, indeed, thank God for that.
Sometimes it is quiet, at others there is commotion,
Life keeps changing its style or format.
It has ups and downs,
It has twists and turns.
There are varied sounds,
Thus experience one earns.
Both sorrow and joy have their uses,
Just as it is with failure and success.
Great is a person who gets them and refuses,
To view them with undue elation or stress.
Everything is god sent,
Everything has value,
Try to gauge His intent,
Yes, it is meant for you.
We often want to know life’s aim.
Without solving this simple clue.
Why is the worth of sorrows and joys the same?
Why clay and gold have the same value?
The person who can find,
Merges with His God,
He doesn’t let His mind,
By either be overawed.
….merges with His God.
Thank you Ravi Paaji for this Superb post
which is not only my heart-speak in poetry,
but also the essence of our discussions at Kharghar on 22nd Dec 18.
.
हमें समझाया गया कि हानि-लाभ, यश-अपयश, जीवन-मृत्यु – कर्मों में पूरी स्वतंत्रता है, पर यह 6 परमात्मा ने अपने पास रखे हैं ( हानि-लाभ, यश-अपयश #कर्मफल ही नहीं, प्रारब्ध कर्म, संचित कर्म और अर्जित कर्मों का समावेश है)
.
#GAIN OR #LOSS
One evening Lord Ram is declared as King to be Crowned.
he did not start distributing sweets OR dancing.
All he wore was his characteristic and charismatic feeble smile,
.
Next morning when he was exiled and had to leave all luxuries behind for 14 years in the jungle,
He did not start crying and just smiled his usual
.
He was in the state of #Samta, non dual equanimity
एक दंपत्ति बहुत ही गरीब था बिल्कुल दीन हीन I आमदनी का कोई जरिया ना होने के कारण दोनों जंगल जाते, गिरी हुई लकड़ियां बीन कर लाते, कुछ बेचते और कुछ भोजन बनाने के लिए रख लेते I कभी बरसात आ जाए तो एक-दो दिन भूखे ही रहना पड़ता – लेकिन ना कभी किसी और से कुछ मांगा, ना ही परमात्मा से I
एक बार 3 दिन की लगातार बारिश के बाद उन्हें भूखा ही रहना पड़ा और लक्ष्मी जी को बहुत दया आई कहा, “प्रभु इन की कुछ मदद करें !” विष्णु जी ने कहा यह भक्त मुझे बहुत प्रिय है और मैं इनका कुछ करना भी चाहता हूं, पर मुझे मालूम है यह लेंगे नहीं I
माता लक्ष्मी के ज़िद करने पर उन्होंने उन दंपत्ति की की मेहनत कम हो इसलिए जंगल की लकड़ियां इकट्ठा करके दो गठ्ठर बनाकर बांध दिए I जब वह दोनों जंगल आए तो देखा लकड़ी के दो गठ्ठर बंधे हुए हैं – हैरान हुए कौन यहां आया गठ्ठर बांधे और उठाकर भी नहीं ले गया I किसी अनजान व्यक्ति की अमानत जानकर उन्होंने वह गठ्ठर नहीं उठाए बल्कि जंगल में लकड़ी खोजते दूर तक चले गए पर कहीं कोई लकड़ी नहीं मिली , आखिर उन्हें भूखा ही सोना पड़ा लेकिन कोई गिला शिकवा नहीं I
अगले दिन माता लक्ष्मी ने उनके वापसी के रास्ते पर, जैसे ही दोनों उन्हें ऐसे लिखें आते दिखे, सोने के सिक्के गिरा दिए I पति आगे था और पत्नी उससे थोड़ी पीछे I जैसे ही पति ने देखा कि सोना गिरा हुआ है उसने झट से झुक कर उसे मिट्टी से ढकना शुरू कर दिया सोचते कि नारी जाति है पीछे आ रही है मगर कहीं सोने को देखकर विचलित ना हो जाए और उठाकर ले जाने के लिए ना कहे I
जैसे ही पत्नी पास आई उसने पूछा स्वामी क्या कर रहे हैं कुछ गिर गया है क्या,
तो पति ने सच सच जवाब दिया कि “नीचे सोने के सिक्के हैं जिनको में मिट्टी से झांक रहा हूं धडक रहा हूं कहीं तुम्हारा मन विचलित ना हो जाए I”
तो पत्नी क्या जवाब देती है #मिट्टी_को_मिट्टी_से_ढक_रहे_हो !!
.
पति पत्नी के आगे नतमस्तक हो गया, झुककर घुटने बैठकर उसने कहा
तुम सो परमआत्मा की रजा में जीने वालों मैं मुझसे भी कहीं ऊपर हो
मुझे तो सोना और मिट्टी अलग दिखे, तुम्हें तो सोना भी और मिट्टी भी एक सी समझ आती है II धन्य हैं आप और धन्य हूं मैं भी, कि आप मेरे साथ हैं II
.
जो नर दुख में दुख नहिं मानै।
सुख सनेह अरु भय नहिं जाके, कंचन माटी जानै।। 🙏🙏🙏
.
यह है वास्तविकता में
Hukum Razaee Chalna, Nanak Likhiya’n Naal 🙏🙏🙏
.
केवल शब्द नहीं है जीवन जीने का यथार्थ तरीका है जिसे आ गया वह परमात्मा के बहुत नजदीक है
.
I am remined of a Bhajan that my Sister (now in UK) used to recite before her marriage in 1966
तेरे फूलों से भी प्यार, तेरे कांटों से भी प्यार
जो भी देना चाहे देदे करतार, दुनिया के पालनहार !!
and after the sons were thru’ with education and joined Jobs, she took VRS & joined ISKCON. After the demise of my Brother-in-Law in 2006, Her favourite Bhajans became her real life, including …
.
बनवारी रे जीने का सहारा तेरा नाम रे
मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे
#LIFE or #DEATH
Jesus Christ is being nailed to the cross, bleeding for Humanity, he is not crying but asking Forgiveness for those behind his being nailed
गुरु अर्जुन देव को कढ़ाई में भरी हुई रेत , नीचे जलती हुई आग
जिसमें रेत भी लाल हो गई थी उस में बिठाया गया और
लाल गर्म रेत उनके शरीर पर बेलचे से डाली गई
गुरु अर्जुन देव साहब दर्द से कहराये नहीं काहे नहीं बल्कि कहा
तेरा भाणा मीठा लागे, नाम पदार्थ नानक मांगे 🙏🙏🙏
.
No difference between Life and Death.
They were in the state of Samta, non dual equanimity
.
This is the second level of Samta and beyond that is the Ultimate State in which there is no difference between …
#JEEV and #BRAHM
.
The Realised Souls who merge with the Supreme, don’t have any of their own desire/s, they just do what is ordained for them – Live in Supreme’s Choice, acting on what the Supreme Lord wants them to perform
.
Not only is Their life a blessing for the humanity, They leave a Legacy of flood lit path for the following, to attain the ultimate state of Samta of Non dual Equanimity, where they are Visible Walking Gods – the Saints, Seers, Rishis, Nabi, Vali, Avtaar are just these.
They have already attained What was to be attained, and they remove irrelevant rituals to instill the Code of Conduct to merge with Supreme,
Fearlessly, Death does not remain a worry, but some event looked for …
जैसा कबीर साहब ने कहा
जिस मरने से जग डरे मेरे मन आनंद
मरने से ही पाइए पूर्ण परमानंद !!! 🙏🙏🙏
.
For them, being alone is not lonely and sad
it is instead solitude and bliss For aligning with the Supreme Lord at wish, called निर्विकल्प समाधि
.
नाम खुमारी नानका चढ़ी रहे दिन रात 🙏🙏🙏
.
And it is this level of Saints The Visible Walking Gods,
who also insist on not worshipping them,
.
एको सिमरो नानका जो जल थल रह्या समायेI
दूजा काहे सिमरिये जो जम्मे ते मर जाए 🙏🙏🙏
instead worshipping the one and only Supreme Lord, Ek Omkar, Brahm, Dhamm, Allah By Whatever Name.
असंख्य नाम तिस पुरुख के सब ही जान प्रमान ,
‘मंगत’ जो चित में रमें , सो ही देवे कल्याण 🙏🙏🙏
*****
Imbibe the Wonderful Lyric and Life Changing Thoughts
.
https://www.youtube.com/watch?v=9izSoGPzOUI
Ravi sir, as usual, your good morning message was great. When read in the early morning, it has the effect of making you happy and cheerful despite all problems that trouble us. Rakesh Bhatia’s comment too was equally pacifying and soul filling….