तेरे ख़यालों से बढ़ कर कोई खयाल नहीं,
नज़र देखे किसी ग़ैर को उठता सवाल नहीं।
उनसे कह दो तुम्हें मेरी नज़र से देखें,
क्यूं कहते हैं तुझ में रंग – ए – जमाल नहीं।
हमारी मुहब्बत में कभी आये कोई दरार,
खुदा की कुदरत में ऐसा कोई कमाल नहीं।
ज़िन्दगी गुज़री है तेरी इबादत में सनम,
दिल – ए – दिमाग में अभी तक कोई जंजाल नहीं।
तेरी यादों की अग़र से महकता है आशियां मेरा,
फिर ना कहना मैं ग़रीब मालामाल नहीं।
तूँ ना आये तो तस्सवुर में बुला लेते हैं तुझे,
यूँ कहिये तेरा आशिक हाल – ए – बेहाल नहीं।
दौलत – ए – ग़म के खज़ाने भरे रहते हैं हर दम,
सब को पता है यहां मैं कोई कंगाल नहीं।
कभी तो कहीं तो मिलेंगे हम ज़रूर, रवि,
मुलाकात – ए – दिल इतनी भी मुहाल नहीं।
तेरे ख़यालों से बढ़ कर कोई खयाल नहीं,
नज़र देखे किसी ग़ैर को उठता सवाल नहीं।
उनसे कह दो तुम्हें मेरी नज़र से देखें,
क्यूं कहते हैं तुझ में रंग – ए – जमाल नहीं।
हमारी मुहब्बत में कभी आये कोई दरार,
खुदा की कुदरत में ऐसा कोई कमाल नहीं।
ज़िन्दगी गुज़री है तेरी इबादत में सनम,
दिल – ए – दिमाग में अभी तक कोई जंजाल नहीं।
तेरी यादों की अग़र से महकता है आशियां मेरा,
फिर ना कहना मैं ग़रीब मालामाल नहीं।
तूँ ना आये तो तस्सवुर में बुला लेते हैं तुझे,
यूँ कहिये तेरा आशिक हाल – ए – बेहाल नहीं।
दौलत – ए – ग़म के खज़ाने भरे रहते हैं हर दम,
सब को पता है यहां मैं कोई कंगाल नहीं।
कभी तो कहीं तो मिलेंगे हम ज़रूर, रवि,
मुलाकात – ए – दिल इतनी भी मुहाल नहीं।