Hasya Panktiyan of the Day #57
फौज के लिए सब Indian Political Parties का एक रवैया है:
देश की रक्षा फौज करे और उनकी रक्षा के लिए कृष्ण कन्हैया है।
फौज वह गन्ना है जिसका कभी भी कहीं भी निकालो जूस,
तनख्वाह, पेन्शन, और सहूलतों के लिए इन्हें दे दो घास फूस।
एक तो ये disciplined हैं, और discipline से है हमें नफ़रत,
ग़लत चीज़ करने के लिए ये कभी नहीं होते हैं सहमत।
दूसरे हर काम बेहतर करके ये सबको दिखाते हैं नीचा,
जैसे नेतागिरी, बाबूगिरी, सरकार, पुलिस, इनके बाप का है बगीचा।
ये तो ठीक है ज़रूरत आने पे हम इन्हें बुला लेते हैं,
जो काम किसी से नहीं होता हम इन्हीं से करा लेते हैं।
पर इन्हें क्यूं समझ नहीं आता के वोट बैंक में इनका नाम नहीं है,
और हमारा काम निकल जाए तो हमें इनसे काम नहीं है।
अब OROP को ले लो, तकरीबन 45 साल से हम कर रहे हैं implement,
Congress और BJP, हम दोनों ही अपने आप को देते हैं compliment.
जन्तर मंतर और बाकी देश में ये निकाल रहे हैं जलूस,
हमें कोई फर्क नहीं पड़ता, न ही देश वासियों को होता है महसूस।
एक तो यह होने से इनके discipline का होता है पर्दा फास,
दूसरे media यह cover नहीं करता, उसे देते हैं हम घास।
तीसरे OROP को लाते लाते सिर्फ 45 साल तो हैं हुए,
अजी कुछ तो रख लो 2019 में आने वाली सरकार के लिए।
बाकी खूब जय हिंद, जय जवान के हम भी लगाते हैं नारे,
पर कोई भी पार्टी हो, एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं हम सारे।
स्टीक ।
शुक्रिया
good one
Thank you Vikas
Good can I circulatell
Respected Sir, why do you have to even ask? You all are doing so much; ours is only a drop in the ocean.
Very nicely expressed satire. Very sad that our own Government is least bothered for its veterans.
Yes. One of the reasons is that by our unflinching loyalty, we have placed ourselves in a position wherein we can be taken for granted. The second is that the government has been successfully able to create a rift between the serving lot and the veterans. The serving lot openly feels that the veterans are bringing bad name to the armed forces. And the government knows that they require only the serving lot.
Desh ke Mantri
Cannot differentiate between
A Jawaan and a Hammal
A solder n their ghar ka Santri