I started this series on my Facebook group Yaad Kiya Dil Ne on 18 Aug 20. Since then, many other members have put up these songs. Here, I shall be giving you one of my own, per day.
This is the Song #43 in the series. I hope you liked Song #42 – Zulf ki chhaon mein chehre k0.
Song #43
Mujhe chhu rahi hain teri garm saansen
Theme-word: Mere raat or din mehakne lage
I am Basically a Lyrical Man
You would have noticed, time and again, that I am basically a Lyrics man; the Lyrics of a song are the most significant part of the song for me. Lets say a song with average lyrics became popular simply because of its superb composition, it is unlikely to be among my favourite. I would rather have a song with superb lyrics and average composition than the other way round. Whilst covering Lyricists, for which I started a Page called Lyrical, I have given you many a song that have excellent lyrics but didn’t become very popular due to other reasons. As an example, I consider Raja Mehdi Ali Khan’s Phir teri yaad naye geet sunane aayi as a song among his most outstanding lyrics.
Lets come to this song. It has its lyrics penned by a Sardar who has won more Filmfare Awards than any other person. He won these as Lyricist, Producer, Director, Story Writer, and for Screenplay. I like him best for his lyrics. Have a look at these lyrics:
रफ़ी: मुझे छू रही हैं तेरी गर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
लता: तेरी नर्म साँसों ने ऐसे छुआ हैं
के मेरे तो पाओं बहकने लगे हैं
रफ़ी: लबों से अगर तुम बुला ना सको तो
निगाहों से तुम नाम लेकर बुला लो
लता: तुम्हारी निगाहें बहुत बोलती हैं
ज़रा अपनी आँखों पे पलके गिरा दो
रफ़ी: मुझे छू रही हैं तेरी गर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
रफ़ी: पता चल गया है के मंज़िल कहाँ है
चलो दिल के लम्बे सफ़र पे चलेंगे
लता: सफ़र खत्म कर देंगे हम तो वहीं पर
जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे
रफ़ी: मुझे छू रही हैं तेरी गर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
लता: तेरी नर्म साँसों ने ऐसे छूआ हैं
के मेरे तो पाओं बहकने लगे हैं
Second version
मुझे छू रही हैं, तेरी नर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
जिस दिल में बसते थे, तूफ़ान के बादल
वहाँ अब इश्क़ के, दिये जल रहे हैं
गुमराह फिरता था मैं, एक खोया परवाना
तेरे दिल की शमा ने मक़्सद दिया मुझ को
जो सपने थे मुर्दा तारीकी में खोए
इस मोहब्बत की रोशनी से, जीने लगे हैं
काँटों से भरा था, ये सफ़र मेरा
तेरे दम से गुलाबों का, फ़र्श बिछ गया
वो फूल जो कभी भी खिल न सके थे
आज शबनम की बदौलत, मुस्कुरा रहे हैं
वादा है ये मेरा, न छोड़ूँगा साथ तेरा
मरते दम तक तेरा साथ दूँगा
जिस रूह पे लोग तरस खाते थे
आज फ़रिश्ते भी मुझसे इश्क़ करने लगे हैं
मुझे छू रही हैं, तेरी नर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
You would agree with me that you’d find them great even if the composition was average.
Rajesh Roshan
Son of the great music director Roshan who was given a break by Kidar Sharma, Rajesh continued with the magic of old type of songs when people like Bappi Lahiri rotted into pedestrianism. Have a look at some of his compositions that I have liked:
Chhu kar mere man ko.
Jab koi baat bigad jaaye.
Kya mausam hai, ai deewane dil.
Dil kya kare jab kisi se kisi ko pyar ho jaaye.
Uthe sab ke kadam.
Ik raasta hai zindagi.
Baahon mein teri masti ke ghere.
Ye raaten nayi purani.
He has given a similar treatment to this song.
Could Have Been A Beautiful Duet
Yes indeed. This could have been given by me as a great duet between Mohammad Rafi and Lata Mangeshkar quite late in their lives, for the 1980 movie Swayamvar starring Shashi Kapoor and Moushumi Chatterjee.
My Own Poetry
This was one of my first attempts not to write poetry but lyrics of a song:
Hamare Dil Ka Geet
रातों के ख्वाब दिन में भी लगे आने,
तेरे प्यार में सनम हम हो गए दीवाने।
सांस रुकने लगी,
आंख झुकने लगी,
तन्हाई के पल भी अब बन गए सुहाने।
मुहब्बत की यह धुन,
इसे दिल से सुन।
सेहरा में भी आ गयी बहार,
खिल उठा है मेरा घर संसार।
ठंडी ठंडी हवाएं,
भीगी भीगी फिजायें,
तेरा ही कर रही थी इंतज़ार।
मुहब्बत की यह धुन,
इसे दिल से सुन।
ज़िन्दगी भर रहेगा अपना साथ,
हमेशा रहेगा मेरे हाथों में तेरा हाथ।
बस यूँ ही यूँ है,
हर तरफ तूँ ही तूँ है,
जन्मों जन्मों की हमारी मुलाकात।
मुहब्बत की यह धुन,
इसे दिल से सुन।
The Song
Ladies and gentlemen, please enjoy: Mujhe chhu rahi hain teri garm saansen…
I hope you liked my choice of Raat or Din Song #43.
Please await Raat or Din Song #44 – Bheegi bheegi raaton mein.