I started this series on my Facebook group Yaad Kiya Dil Ne on 23 Aug 20. Since then, many other members have put up these songs. Here, I shall be giving you one of my own, per day.
Last time, I gave you Beautiful Duet #35 – Tu cheez badi hai mast mast. So here, then, is the next one:
Song #36
Teri mehfil mein kismat aajma kar hum bhi dekhenge
Everyone Deserves Shakeel Badayuni
I am so fond of Shakeel Badayuni, my favourite lyricist, that I keep writing something or the other for and of him. On my blog, there is already a post on the unforgettable songs of Mughal-e-Azam (Songs like Mohe panghat pe and Jab pyar kiya to darna kya have inspired other songs, hymns and even movies). However, this qawwali or song must find a mention in the Beautiful Duets series.
There is a saying that in every life a little rain must fall. I feel that in every life, a little of Shakeel must be there; else your life won’t be complete!
Bahar and Anarkali Vying with Each Other for Salim’s Affection
Bahar and Anarkali were two courtesans in the court of Mughal-e-Azam Emperor Akbar. His son Prince Salim Played by Dilip Kumar) had fallen in love with Anarkali (played by Madhubala). However, Bahar (played by Nigar Sultana) still had hopes since she considered herself as the senior and more accomplished courtesan.
This qawwali has both of them openly courting favours from him. They have Minoo Mumtaz and Vijay Chaudhary (of Satta Bazar fame: Tumhen yaad hoga kabhi hum mile the) in their chorus.
Lata Mangeshkar sang for Madhubala and Shamshad Begum for Nigar Sultana.
The Lyrics
Shakeel’s lyrics, as was the case more often than not, were composed by his mentor Naushad Ali:
(आलाप)
स: तेरी महफ़िल में किस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगे
घड़ी भर को तेरे नज़दीक आकर हम भी देखेंगे – २
अजी हां हम भी देखेंगे – २
ल: तेरी महफ़िल में किस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगे
तेरे कदमों पे सर अपना झुका कर हम भी देखेंगे – २
अजी हां हम भी देखेंगे – २
स: बहारें आज पैग़ाम-ए-मोहब्बत ले के आई हैं
बड़ी मुद्दत में उम्मीदों की कलियां मुस्कुराई हैं
बड़ी मुद्दत में अजी हां
बड़ी मुद्दत में उम्मीदों की कलियां मुस्कुराई हैं
ग़म-ए-दिल से जरा दामन बचाकर हम भी देखेंगे – २
अजी हां हम भी देखेंगे
ल: अगर दिल ग़म से खाली हो तो जीने का मज़ा क्या है
ना हो खून-ए-जिगर तो अश्क़ पीने का मज़ा क्या है
ना हो खून-ए-जिगर हां हां
ना हो खून-ए-जिगर तो अश्क़ पीने का मज़ा क्या है
मोहब्बत में जरा आँसू बहाकर हम भी देखेंगे – २
अजी हां हम भी देखेंगे
स: मोहब्बत करने वालो का है बस इतना ही अफ़साना
तड़पना चुपके चुपके आहें भरना घुट के मर जाना
तड़पना चुपके चुपके हां हां
तड़पना चुपके चुपके आहें भरना घुट के मर जाना
किसी दिन ये तमाशा मुस्कुरा कर हम भी देखेंगे – २
तेरी महफ़िल में किस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगे
अजी हां हम भी देखेंगे
ल: मोहब्बत हमने माना ज़िन्दगी बरबाद करती है
ये क्या कम है के मर जाने से दुनिया याद करती है
ये क्या कम है अजी हां हाँ
ये क्या कम है के मर जाने से दुनिया याद करती है
किसी के इश्क़ में दुनिया लुटाकर हम भी देखेंगे – २
तेरी महफ़िल में किस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगे
ल: तेरे कदमों पे सर अपना झुकाकर आ आ …
स: घड़ी भर को तेरे नज़दीक आकर आ आ …
दोनों: तेरी महफ़िल में किस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगे
स: अजी हां हम भी देखेंगे
ल: अजी हां हम भी देखेंगे
The Song
So who’s the winner? It is easy to assume that simplicity and devotion wins over resolve and challenge. If Anarkali hadn’t won, we won’t have had this story at all!
Ladies and gentlemen, please enjoy: Teri mehfil mein kismat aajma kar hum bhi dekhenge…
I hope you liked my choice of Beautiful Duet #36.
Please await Beautiful Duet #37- Main duniya bhula doonga.