I started this series on my Facebook group Yaad Kiya Dil Ne on 18 Aug 20. Since then, many other members have put up these songs. Here, I shall be giving you one of my own, per day.
This is the Song #25 in the series. I hope you liked Song #24 – Tumhi mere mandir, tumhi meri pooja.
Song #25
Zikr hota hai jab qamat ka
Theme-words: Both Din and Raat appear in the later part of mukhada: Tu jo chahe to din nikalta hai, Tu jo chahe to raat hoti hai
Bad Acting, Bad Singing, Bad Direction and yet…
It has been some time since I started looking at songs with each aspect taken into consideration separately and not as a whole package just because the song was a success.
This song is from the 1970 S Sukhdev movie My Love starring Shashi Kapoor and Sharmila Tagore. It was penned by Anand Bakshi, composed by Daan Singh, sung by Mukesh and enacted by Shashi and Sharmila.
First of all, Anand Bakshi’s lyrics are simply beautiful and equally beautifully composed by Daan Singh.
Daan Singh was born five years after Hasrat in Jaipur. He was from a musical family; his father was a Khayal singer. He was trained by no less a musician as Khemchand Prakash. And yet except for this movie songs and a handful of other movies, he never emerged big. This movie was his pinnacle with this song and Woh tere pyar ka gham.
These songs are the genre’ of Mukesh and yet I feel he didn’t give his best in this; it somehow falls short of his usual sterling singing.
And then, surely Shashi Kapoor and Sharmila could have come up with matching and not dumb acting. S Sukhdev also has to bear the blame as he let this bad acting pass. Kamal Bose gave us some beautiful cinematography in Bandini and Sujata. Here, he falls short in this song.
Hence, the song basically belongs to Anand Bakshi and Daan Singh.
Lyrics
ज़िक्र होता है जब क़यामत का तेरे जलवों की बात होती है
तू जो चाहे तो दिन निकलता है तू जो चाहे तो रात होती है
ज़िक्र होता है जब …
तुझको देखा है मेरी नज़रों ने तेरी तारीफ़ हो मगर कैसे
के बने ये नज़र ज़ुबाँ कैसे के बने ये ज़ुबाँ नज़र कैसे
ना ज़ुबाँ को दिखाई देता है ना निग़ाहों से बात होती है
ज़िक्र होता है जब …
तू चली आए मुस्कुराती हुई तो बिखर जाएं हर तरफ़ कलियाँ
तू चली जाए उठ के पहलू से तो उजड़ जाएं फूलों की गलियाँ
जिस तरफ़ होती है नज़र तेरी उस तरफ़ क़ायनात होती है
ज़िक्र होता है जब …
तू निग़ाहों से ना पिलाए तो अश्क़ भी पीने वाले पीते हैं
वैसे जीने को तो तेरे बिन भी इस ज़माने में लोग जीते हैं
ज़िन्दगी तो उसी को कहते हैं जो गुज़र तेरे साथ होती है
ज़िक्र होता है जब …
Exceptional lyrics indeed.
My Own Poetry
This one is called, hold your breath:
Har Taraf Tera Jalwa
फिर मुझे पुकारा है…..
तेरी चाहत ने, तेरी आहट ने
तेरी आवाज़ ने, दिल के साज़ ने
तेरी धड़कन ने, तेरी उलझन ने
तेरी साँसों ने, तेरे अश्कों ने
तेरी आँखों ने, तेरे होंठों ने
तेरे हाथों के गरम छूने ने
तेरी याद ने, तेरी हसरत ने
तेरे प्यार ने, तेरी उल्फत ने
तेरे दर्द ने, तेरे ज़ख़्म ने
तेरे हसीन ख्यालों के वहम ने
तेरी हंसी ने, तेरे रोने ने
मेरे ज़हन में तेरे होने ने
तेरी आँखों की मधुर मुस्कान ने
तेरे दिल में उमढ़ते तूफ़ान ने
तेरी आहों ने, तेरी राहों ने,
मेरे आगोश में उलझी बाहों ने
तेरे लबों से थिरकते गीत ने,
जो मिल के बनाया उस अतीत ने
उन वादीयों ने जो हमारे संग बहकती थी
उस कोयल ने जो हमें देख चहकती थी
उन फूलों ने जिस में तेरे प्यार का रंग था
उन हवाओं ने जिनका हमें संग था
उन बातों ने जो कभी ना होती थी खत्म
उस अदा ने जिसने ढाया था मुझपे सितम
तेरी मस्ती ने, तेरी हस्ती ने,
तेरी गलियों ने, तेरी बसती ने
तेरी खुशबु ने, तेरे खवाब ने
ऐ मेरे चाँद, तेरी माहताब ने
हर तरफ शोर है, फुसफुसाहट है
हर तरफ तेरे क़दमों की ही आहट है
मेरा बस एक ही सवाल तुझसे है रूबरू:
“किस की मैं सुनूँ और किस की ना सुनूँ?”
The Song
Ladies and gentlemen, please enjoy: Zikr hota hai jab qayamat ka…
I hope you liked my choice of Raat or Din Song #25.
Please await Raat or Din Song #26- O mere sanam, O mere sanam.