I started this series on my Facebook group Yaad Kiya Dil Ne on 18 Aug 20. Since then, many other members have put up these songs. Here, I shall be giving you one of my own, per day.
This is the Song #21 in the series. I hope you liked Song #20 – Chand phir nikla.
Song #21
Mujhe raat din ye khayal hai
Another Murder – Another Story
Just like the Beautiful Duet #45 that I gave you today from the 1945 movie Bambai Ka Babu: Deewana mastana hua dil, the story of this song also starts with murder! What a coincidence.
In this movie, Manohar Lal, a jeweler, is convicted of a murder he didn’t commit. His wife, in order to keep their son away from the disgrace of a convicted father, gives away the son to another woman. He grows up to become a police inspector who is after Manohar Lal, the convict who has run away. His mother knows that the son is chasing the father but both the father and son don’t know this.
The Cast
This movie Oomar Qaid, a movie of 1961, has Aspi Irani directing it and Mohan Choti, Helen, Sheikh Mukhtar, Mukri, Nazima and Sudhir in the lead roles.
The song in particular is sung by Sudhir for Nazima.
Sudhir had Mohammad Rafi singing Main ye chhod kar uske dar se utha tha in 1963 movie Haqeeqat. He has Mukesh singing this for him:
The Song
The song with very beautiful and expressive lyrics was penned by Kishwar Jaipuri’s father Hasrat Jaipuri and composed most beautifully by Iqbal Qureshi. It is simply the best and most memorable song of the movie.
The use of theme-words Raat Din is to convey All the Time. Sudhir doesn’t want Nazima to drop him from grace.
Have a look at the lyrics:
मुझे रात दिन ये ख्याल है
मुझे रात दिन ये ख्याल है
वो नज़र से मुझको गिरा न दे
मेरी ज़िन्दगी का दिया कही
मेरी ज़िन्दगी का दिया कही
ये गमो की ाँधी बुझा न दे
मुझे रात दिन ये ख्याल है
मेरे दिल के दाग़ न जल उठे
मेरे दिल के दाग़
मेरे दिल के दाग़ न जल उठे
कही मेरे सीने की आग से
कही मेरे सीने की आग से
ये घुटी घुटी मेरी आह भी
ये घुटी घुटी मेरी आह भी
कही होश मेरे गँवा न दे
मुझे रात दिन ये ख्याल है
किसे अपना हाल सुनाऊं मैं
किसे अपना हाल
किसे अपना हाल सुनाऊं मैं
मेरा दिल भी गैर का हो चूका
मेरा दिल भी गैर का हो चूका
बड़ी उलझनों में घिरा हूँ मैं
बड़ी उलझनों में घिरा हूँ मैं
के फ़साना कोई बना न दे
मुझे रात दिन ये ख्याल है
मैं दिया हूँ ऐसा जहां में
मैं दिया हूँ ऐसा
मैं दिया हूँ ऐसा जहां में
के जला तो हूँ नहीं रौशनी
के जला तो हूँ नहीं रौशनी
जो जिगर में है वो खलिश कही
जो जिगर में है वो खलिश कही
मेरी हसरतों को मिटा न दे
मुझे रात दिन ये ख्याल है
मुझे रात दिन ये ख्याल है
वो नज़र से मुझको गिरा न दे
मुझे रात दिन ये ख्याल है.
My Own Poetry
NA KHELO MERE DIL SE
ना खेलो मेरे अरमानो से, मेरे जज़्बातों से,
मेरे उदास दिनों से, मेरी सुनसान सियाह रातों से,
मुझे आदत सी पड़ गयी है रूखेपन की,
ना उलझायो मुझे प्यारी और मदहोश बातों से।
कुछ नहीं होगा, रहने दो मुझे तन्हा ओ बेज़ार,
ना ललचाओ माज़ी की सुहानी मुलाकातों से।
ज़िन्दगी सेहरा बन गयी है, और तुम अभी भी,
दिल की धरती सींच रहे हो कल की बरसातों से
मेरा कोई दोस्त, हमसफर, महबूब नहीं है,
ना बांधो मुझे झूठे रिश्तों से, फरेबी नातों से।
गमों के, अश्क़ों के, तनहाईयों के ख़ज़ाने दिए बेहद,
अब और ना बहलाओ वादा – ए – सौगातों से।
ज़मीन से आसमान, आसमानो से ज़मीन पे पटका यकायक,
हैरान रह गया हूँ तुम्हारी जादूगरी करामातों से।
हर सितम सहते रहे, तेरी बेवफाई का सनम,
आह भी ना निकली तेरा नाम गुनगुनातों से ।
Please enjoy: Mujhe raat din ye khayal hai…
I hope you liked my choice of Raat or Din Song #21.
Please await Raat or Din Song #22- Chupke chupke raat din aansu bahana.